उन के नक़्श-ए-क़दम महकते हैं

By vikas-naseebMarch 1, 2024
उन के नक़्श-ए-क़दम महकते हैं
फूल भी जिन से कम महकते हैं
नाम लिखता हूँ ख़त में जब उन का
मेरे काग़ज़ क़लम महकते हैं


जब भी रोता हूँ उन की यादों में
तो मिरे चश्म-ए-नम महकते हैं
उन की ख़ुशबू भरी है साँसों में
हम तो अब दम-ब-दम महकते हैं


61716 viewsghazalHindi