उसे ख़बर ही नहीं थी वो किस जहान में था

By aarib-hasimiApril 6, 2023
उसे ख़बर ही नहीं थी वो किस जहान में था
खुली फ़ज़ा थी परिंदा खुली उड़ान में था
उसे मैं देख रहा हूँ तुम्हारे सीने में
वो एक तीर जो अब तक मिरी कमान में था


चराग़ थकने लगे थे हवा से लड़ते हुए
मगर वो हौसला बाक़ी जो बादबान में था
उसे पता ही नहीं था ये रतजगा क्यों है
मुझे ख़बर ही नहीं थी मैं इम्तिहान में था


किसी की बात से मुझ को यक़ीं मिला 'आरिब'
वही यक़ीन जो अब तक मिरे गुमान में था
28012 viewsghazalHindi