वो कहते थे कि देखो चींटियों के पर निकल आए

By rehman-musawwirFebruary 23, 2021
वो कहते थे कि देखो चींटियों के पर निकल आए
बस इतनी बात थी हम छोड़ अपना घर निकल आए
हमारे शहर में सर की हिफ़ाज़त मसअला ठहरा
किसे मालूम है किस सम्त से पत्थर निकल आए


किसी आवाज़ ने आवाज़ दी ख़ामोशियाँ टूटीं
जहाँ थीं सिर्फ़ दीवारें वहाँ पर दर निकल आए
मिरी फ़िहरिस्त से एक नाम भी ख़ारिज नहीं होता
न जाने कौन किन हालात में बेहतर निकल आए


'मुसव्विर' लोग कुछ बाहर के अंदर जम के बैठे हैं
जिन्हें अंदर ही रहना था वो बस बाहर निकल आए
92556 viewsghazalHindi