वो जो सभी ख़ुदाओं का इक है ख़ुदा मिरे 'अज़ीज़

By nomaan-shauqueFebruary 28, 2024
वो जो सभी ख़ुदाओं का इक है ख़ुदा मिरे 'अज़ीज़
तुम को मिले तो भेजना उस का पता मिरे 'अज़ीज़
उस ने ख़ुश-आमदीद अगर तुम को नहीं कहा तो क्या
सैकड़ों मिन्नतों के बा'द दर तो खुला मिरे 'अज़ीज़


लहरों ने झूम-झूम कर छेड़ा बतों के ग़ोल को
नहर के आस-पास थी ऐसी हवा मिरे 'अज़ीज़
ये तो बक़ा की जंग थी इस को तो जीतना ही था
तुम ने सिपर ही डाल दी क्या ये किया मिरे 'अज़ीज़


एक क़दीम शाम को रक़्स किया पहन के मैं
हिज्र में काम आ गई ये भी क़बा मिरे 'अज़ीज़
जाइए छूट दी गई आप को क़त्ल-ए-'आम की
आप हैं ‘उर्फ़-ए-‘आम में राह-नुमा मिरे 'अज़ीज़


28431 viewsghazalHindi