वो मेरे बारे में जो कुछ बता रहा था मुझे

By ahmad-kamal-hashmiMay 24, 2024
वो मेरे बारे में जो कुछ बता रहा था मुझे
ग़लत था फिर भी यक़ीन उस पे आ रहा था मुझे
तंग आ के उस ने मुझे टूटा फूटा छोड़ दिया
ब-सद-ख़ुलूस कभी जो बना रहा था मुझे


अमीर-ए-शहर ने मसनद की पेशकश की थी
शिकारी जाल में अपने फँसा रहा था मुझे
फिर उस के बा'द बहुत घुस के फट गया काग़ज़
रगड़ रगड़ के रबर वो मिटा रहा था मुझे


मैं ख़ुश नहीं था मगर ख़ुश दिखाई देता था
कोई लतीफ़े सुना कर हँसा रहा था मुझे
न जाने क्यों मैं उसे भूलने की ज़िद पर था
न जाने क्यों वो बहुत याद आ रहा था मुझे


मिरे रक़ीब से वो महव-ए-गुफ़्तुगू था 'कमाल'
वो उस का दोस्त नहीं था सता रहा था मुझे
17824 viewsghazalHindi