वो नग़मगीं सा सुख़न याद आ गया तेरा

By kanwal-pradeep-mahajanFebruary 27, 2024
वो नग़मगीं सा सुख़न याद आ गया तेरा
नज़र में ‘अक्स-ए-हसीं झिलमिला गया तेरा
तिरे फ़िराक़ में दिल का 'अजीब 'आलम है
हवा का शोर भी क़िस्सा सुना गया तेरा


मिरा रक़ीब हो जैसे तिरा वफ़ूर-ए-हया
हिजाब बन के जो चेहरा छुपा गया तेरा
मैं लफ़्ज़ लफ़्ज़ तुझे पढ़ नहीं सका लेकिन
किताब-ए-ज़िंदगी मफ़्हूम पा गया तेरा


'कँवल' कँवल से खिले झील जैसी आँखों में
कि नक़्श नक़्श तसव्वुर में आ गया तेरा
52651 viewsghazalHindi