याद कर कर के उसे वक़्त गुज़ारा जाए

By abbas-tabishApril 22, 2024
याद कर कर के उसे वक़्त गुज़ारा जाए
किस को फ़ुर्सत है वहाँ कौन दोबारा जाए
शक सा होता है हर इक पे कि कहीं तू ही न हो
अब तिरे नाम से किस किस को पुकारा जाए


साइरा तुझ को बहुत याद हैं उस की बातें
क्यूँ न कुछ वक़्त तिरे साथ गुज़ारा जाए
जिस तरह पेड़ को बढ़ने नहीं देती कोई बेल
क्या ज़रूरी है मुझे घेर के मारा जाए


ऐन मुमकिन है कि हो उस से इलाज-ए-वहशत
शहर में ज़ोर से इक नाम पुकारा जाए
उस हसीं शख़्स की ख़ातिर जो कहा है 'ताबिश'
कम है इस शे'र को जितना भी सँवारा जाए


59651 viewsghazalHindi