यहाँ इक मो'जिज़ा हो जाएगा क्या

By abid-razaFebruary 17, 2025
यहाँ इक मो'जिज़ा हो जाएगा क्या
ये जंगल फिर हरा हो जाएगा क्या
अगर मैं आप की 'ऐनक लगा लूँ
तो ये मंज़र नया हो जाएगा क्या


घड़ी भर में नई दुनिया बसा दूँ
ये सब बे-साख़्ता हो जाएगा क्या
दहकता है ये सूरज कब से आख़िर
बुझेगा तो सियह हो जाएगा क्या


अगर हम साँस लेना बंद कर दें
तो औरों का भला हो जाएगा क्या
उखड़ती हों जहाँ यादों की साँसें
अब इतना फ़ासला हो जाएगा क्या


अनल-हक़ की सदाएँ पूछती हैं
ये सर तन से जुदा हो जाएगा क्या
सितारे रास्ता रोके खड़े हैं
कोई दम हादिसा हो जाएगा क्या


ये क़ज़िया ले तो जाएँ आसमाँ पर
वहाँ कुछ फ़ैसला हो जाएगा क्या
जुनूँ में कह गए हम आज क्या कुछ
मगर जो कह दिया हो जाएगा क्या


22244 viewsghazalHindi