यक़ीं ख़ुद पे इतना बड़ी बात है
By shariq-kaifiFebruary 29, 2024
यक़ीं ख़ुद पे इतना बड़ी बात है
अकेले तमाशा बड़ी बात है
हज़ारों से रिश्ता निभाते हुए
किसी का न होना बड़ी बात है
हमें यूँ भी तुम याद रह जाओगे
बराबर का धोका बड़ी बात है
शिकारी से बचने में कैसा कमाल
निशाने पे रहना बड़ी बात है
तिरे बे-मुरव्वत लबों से कोई
बहाना भी सुनना बड़ी बात है
बड़ा काम ढारस बंधाना नहीं
बराबर से रोना बड़ी बात है
ठिकाने लगाऊँ कहाँ ख़ाक को
हवा का ये कहना बड़ी बात है
अकेले तमाशा बड़ी बात है
हज़ारों से रिश्ता निभाते हुए
किसी का न होना बड़ी बात है
हमें यूँ भी तुम याद रह जाओगे
बराबर का धोका बड़ी बात है
शिकारी से बचने में कैसा कमाल
निशाने पे रहना बड़ी बात है
तिरे बे-मुरव्वत लबों से कोई
बहाना भी सुनना बड़ी बात है
बड़ा काम ढारस बंधाना नहीं
बराबर से रोना बड़ी बात है
ठिकाने लगाऊँ कहाँ ख़ाक को
हवा का ये कहना बड़ी बात है
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