ये दिल जब से मोहब्बत में लगा है
By sapna-jainFebruary 29, 2024
ये दिल जब से मोहब्बत में लगा है
ये लगता है यहाँ रहता ख़ुदा है
गुमाँ होता है उस के तजरबों से
वो अपनी 'उम्र से शायद बड़ा है
ये सहरा में जो बूँदें गिर रही हैं
किसी मा'सूम बच्चे की दु'आ है
दिसम्बर हिज्र आधी रात यादें
फ़ज़ा का ज़र्रा ज़र्रा काँपता है
हम उन आँखों में कुछ इस तरह डूबे
नदी में कोई जैसे डूबता है
पहाड़ों पर उतरती धूप देखो
गले महबूब जैसे मिल रहा है
ये लगता है यहाँ रहता ख़ुदा है
गुमाँ होता है उस के तजरबों से
वो अपनी 'उम्र से शायद बड़ा है
ये सहरा में जो बूँदें गिर रही हैं
किसी मा'सूम बच्चे की दु'आ है
दिसम्बर हिज्र आधी रात यादें
फ़ज़ा का ज़र्रा ज़र्रा काँपता है
हम उन आँखों में कुछ इस तरह डूबे
नदी में कोई जैसे डूबता है
पहाड़ों पर उतरती धूप देखो
गले महबूब जैसे मिल रहा है
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