ये 'इश्क़ वो है कि जिस का नशा न उतरेगा

By farhat-ehsasFebruary 6, 2024
ये 'इश्क़ वो है कि जिस का नशा न उतरेगा
इस आसमान से अब ये ख़ुदा न उतरेगा
ये रंग-ए-गिर्या रहेगा जो तेरे कूचे में
इधर से कोई भी हँसता हुआ न गुज़रेगा


जो तेरे पाँव फ़लक पर धरे रहे यूँही
ज़मीं पे सब्ज़ा-ए-रंग-ए-हिना न उतरेगा
लगा दिया जो उसे मेरे ख़ून-ए-नाहक़ ने
ज़बान-ए-शहर से अब ये मज़ा न उतरेगा


उतार लाए किसी भी ग़ुबार-ए-राह का 'अक्स
अब इस क़दर भी मिरा आइना न उतरेगा
नदी पे मोहर लगा दी शनावरी ने मिरी
इस आब-ए-ख़ास में अब दूसरा न उतरेगा


लज़ीज़ भी है रवाँ भी बहुत मगर 'एहसास'
मिरे गले से तिरा ज़ाइक़ा न उतरेगा
18982 viewsghazalHindi