ये जो है 'आशिक़ी तबर्रुक है
By bilal-sabirMarch 1, 2024
ये जो है 'आशिक़ी तबर्रुक है
और ये दाइमी तबर्रुक है
एक ने'मत तो हैं मिरी आँखें
हाँ पर इन में नमी तबर्रुक है
ख़त्म होगी किसी के आते ही
या'नी तेरी कमी तबर्रुक है
थोड़ी थोड़ी सी दी गई सब को
ज़िंदगी ‘आलमी तबर्रुक है
आप क्यों बाँटते हैं सज-धज कर
बेवफ़ाई कोई तबर्रुक है
फ़िक्र है फ़ातिहा मिरा 'साबिर'
और मिरी शा'इरी तबर्रुक है
और ये दाइमी तबर्रुक है
एक ने'मत तो हैं मिरी आँखें
हाँ पर इन में नमी तबर्रुक है
ख़त्म होगी किसी के आते ही
या'नी तेरी कमी तबर्रुक है
थोड़ी थोड़ी सी दी गई सब को
ज़िंदगी ‘आलमी तबर्रुक है
आप क्यों बाँटते हैं सज-धज कर
बेवफ़ाई कोई तबर्रुक है
फ़िक्र है फ़ातिहा मिरा 'साबिर'
और मिरी शा'इरी तबर्रुक है
59931 viewsghazal • Hindi