ये सारे लफ़्ज़ उसी से कलाम करते हैं

By salim-saleemFebruary 28, 2024
ये सारे लफ़्ज़ उसी से कलाम करते हैं
तो हम भी मरहला-ए-शब तमाम करते हैं
मिरे लहू में ही आख़िर ग़ज़ाल-ए-रम-ख़ुर्दा
कहाँ से आते हैं क्यूँकर ख़िराम करते हैं


उसी ने इस्म पढ़ा था तो खुल गए हम भी
सो ये तमाम वुजूद उस के नाम करते हैं
ये मुझ में ठहरे हुए कुछ 'अजीब दुनिया-दार
ख़राब सारा ही दिल का निज़ाम करते हैं


68005 viewsghazalHindi