यूँ भी हुआ कमाल मिरे पास आ गई

By raghvendra-dwivediMarch 16, 2024
यूँ भी हुआ कमाल मिरे पास आ गई
हैरत है ज़िंदगी को मिरी शक्ल भा गई
मुझ से जुदा किया है मुझे उस के ख़्वाब ने
आँखों में इक हसीन सी तस्वीर छा गई


दोनों तरफ़ की आग ने क्या क्या नहीं किया
दोनों की नींद छीन ली और चैन खा गई
मैं भी तमाम रात जला हूँ उसी के साथ
उस की भी एक एक अदा ज़ुल्म ढा गई


होंटों पे रक़्स करती मिरी इंतिहाई प्यास
गुज़री हदों से ऐसे कि मंज़िल को पा गई
96810 viewsghazalHindi