यूँ क़ैस दश्त में तन-ए-तन्हा मुक़ीम है
By ahmar-nadeemSeptember 16, 2024
यूँ क़ैस दश्त में तन-ए-तन्हा मुक़ीम है
कार-ए-जुनूँ में साथ बस 'अहमर' नदीम है
हिज्र-ओ-विसाल रंग हैं अक़्ल-ए-सलीम के
अक़्ल-ए-सलीम शौक़ की दुश्मन क़दीम है
आसाँ नहीं है उतना कि तरतीब दे सकूँ
दीवान-ए-ज़ख़्म दोस्तो बेहद ज़ख़ीम है
'अहमर' किसी की याद के साए में 'उम्र है
'अहमर' किसी की याद जो नार-ए-जहीम है
कार-ए-जुनूँ में साथ बस 'अहमर' नदीम है
हिज्र-ओ-विसाल रंग हैं अक़्ल-ए-सलीम के
अक़्ल-ए-सलीम शौक़ की दुश्मन क़दीम है
आसाँ नहीं है उतना कि तरतीब दे सकूँ
दीवान-ए-ज़ख़्म दोस्तो बेहद ज़ख़ीम है
'अहमर' किसी की याद के साए में 'उम्र है
'अहमर' किसी की याद जो नार-ए-जहीम है
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