ज़मीं से दूर सितारों के दरमियाँ रौशन

By abid-razaFebruary 17, 2025
ज़मीं से दूर सितारों के दरमियाँ रौशन
स्याह रात में कब से है कहकशाँ रौशन है
शफ़क़-मिसाल लहू-रंग मेरी ख़ाक हुई
'अज़ा की शाम हुआ मेरा अश्क-दाँ रौशन


नशेब-ए-हुज़्न में शाम-ए-स्याह-बख़्त कटी
फिर इक चराग़ हुआ शब पे मेहरबाँ रौशन
यहीं कहीं था अंधेरे में मा'बद-ए-ज़रतुश्त
क़दीम आग से हैं मश'अलें जहाँ रौशन


बरहनगी ने भी रोका न अर्शमीदस को
'अजब घड़ी थी हुई फ़िक्र-ए-नुक्ता-दाँ रौशन
सफ़र-नसीब हूँ मैं माह-ए-नीम-माह की शब
चराग़-ए-कोहना से है ताक़-ए-आसमाँ रौशन


सितारा हो कि परिंदा कोई ख़बर लाए
हमेश्गी में है क्या क़स्र-ए-ला-मकाँ रौशन
67499 viewsghazalHindi