ज़िंदगी हम यूँ बिताते जाएँगे
By abdullah-minhaj-khanMay 18, 2024
ज़िंदगी हम यूँ बिताते जाएँगे
सब को ही अपना बनाते जाएँगे
हाल-ए-दिल अपना न कहना अब कभी
लोग सुन कर मुस्कुराते जाएँगे
बेवफ़ा है वो तो हम को ग़म नहीं
हम वफ़ा के गीत गाते जाएँगे
तुम हमारे शे'र पढ़ कर देख लो
ये तुम्हारा दिल लुभाते जाएँगे
चल रहा है यूँही दुनिया का निज़ाम
लोग आते और जाते जाएँगे
तू मुझे चाहे न चाहे ऐ सनम
जश्न तेरा हम मनाते जाएँगे
तू तो चल 'मिनहाज' राह-ए-'इश्क़ पर
लोग तेरे साथ आते जाएँगे
सब को ही अपना बनाते जाएँगे
हाल-ए-दिल अपना न कहना अब कभी
लोग सुन कर मुस्कुराते जाएँगे
बेवफ़ा है वो तो हम को ग़म नहीं
हम वफ़ा के गीत गाते जाएँगे
तुम हमारे शे'र पढ़ कर देख लो
ये तुम्हारा दिल लुभाते जाएँगे
चल रहा है यूँही दुनिया का निज़ाम
लोग आते और जाते जाएँगे
तू मुझे चाहे न चाहे ऐ सनम
जश्न तेरा हम मनाते जाएँगे
तू तो चल 'मिनहाज' राह-ए-'इश्क़ पर
लोग तेरे साथ आते जाएँगे
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