कश्मकश

By अब्दुल-मजीद-सालिकApril 24, 2024
सालिक साहब और मौलाना ताजवर
दोनों के दरमियान कशीदगी रहती थी। एक मर्तबा ‎सालिक के एक दोस्त ने कहा कि आपके दरमियान ये “कश्मकश” ठीक नहीं
सुलह हो जानी ‎चाहिए। सालिक बोले



‎“हुज़ूर
हमारी तरफ़ से तो “कश” है “मकश” तो ताजवर साहब करते हैं। आपकी नसीहत तो ‎उनको होनी चाहिए।”
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