दाएं पिंडली में दर्द
By January 21, 2020
जगन्नाथ आज़ाद और बन्ने भाई बंबई में जां निसार अख़्तर के हाँ बैठे हुए थे कि जां निसार अख़्तर के बेटे सलीम अंदर दाख़िल हुए। आज़ाद के पूछने पर जब उसने बताया कि वो डाक्टर है तो उन्होंने फ़ौरन बताना शुरू किया
“बेटा मेरी दाएं पिंडली में कभी-कभी दर्द उठता है।”
सलीम ने निहायत संजीदगी से जवाब दिया
“अंकल मैं तो दिमाग़ी अमराज़ का डाक्टर हूँ।”
आज़ाद तुनक कर बोले
“तो जाओ अपने अब्बा का ईलाज करो।”
“बेटा मेरी दाएं पिंडली में कभी-कभी दर्द उठता है।”
सलीम ने निहायत संजीदगी से जवाब दिया
“अंकल मैं तो दिमाग़ी अमराज़ का डाक्टर हूँ।”
आज़ाद तुनक कर बोले
“तो जाओ अपने अब्बा का ईलाज करो।”
61418 viewslatiife • Hindi