ख़ालू के आलू
By अकबर-इलाहाबादीMay 30, 2024
अकबर इलाहाबादी दिल्ली में ख़्वाजा हसन निज़ामी के हाँ मेहमान थे। सब लोग खाना खाने लगे तो आलू की तरकारी अकबर को बहुत पसंद आयी। उन्होंने ख़्वाजा साहब की दुख़्तर हूर बानो से (जो खाना खिला रही थी) पूछा कि बड़े अच्छे आलू हैं
कहाँ से आए हैं? उसने जवाब दिया कि मेरे ख़ालू बाज़ार से लाए हैं। इस पर अकबर ने फ़िलबदीह ये शे’र पढ़ा
लाए हैं ढूंढ के बाज़ार से आलू अच्छे
इसमें कुछ शक नहीं हैं हूर के ख़ालू अच्छे।
कहाँ से आए हैं? उसने जवाब दिया कि मेरे ख़ालू बाज़ार से लाए हैं। इस पर अकबर ने फ़िलबदीह ये शे’र पढ़ा
लाए हैं ढूंढ के बाज़ार से आलू अच्छे
इसमें कुछ शक नहीं हैं हूर के ख़ालू अच्छे।
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