आतिश
By ravendr-jainFebruary 1, 2022
धरती आतिश है आसमाँ आतिश
है निहाँ और कहीं अयाँ आतिश
हो चराग़ाँ जले दिए से दिया
कर न ऐसे ही राएगाँ आतिश
देख कर उस का आतिशीं चेहरा
बन गई मेरी दास्ताँ आतिश
तब तलक हम जवान रहते हैं
जब तलक हम में है जवाँ आतिश
बे-धुआँ बे-शरारा बे-लौ भी
फूँक देती है बे-ज़बाँ आतिश
कितने हमदर्द हैं नशेमन के
आँधी बरसात बिजलियाँ आतिश
ज़ेहन में दिल में रूह में तन में
है न जाने कहाँ कहाँ आतिश
आग से आग के बुझाने का
फ़ल्सफ़ा कर रही बयाँ आतिश
जिस्म हो घर हो बन हो बस्ती हो
सब को करती है बे-निशाँ आतिश
हुस्न और इश्क़ में कशिश है तभी
गर है दोनों के दरमियाँ आतिश
ये कहीं पर है चंद लम्हों की
और कहीं पर है जावेदाँ आतिश
ज़िक्र क्या कीजिए जहन्नुम का
हर क़दम पर है जब यहाँ आतिश
शुद्ध है शुद्ध सब को करती है
है जहाँ में जहाँ-जहाँ आतिश
है निहाँ और कहीं अयाँ आतिश
हो चराग़ाँ जले दिए से दिया
कर न ऐसे ही राएगाँ आतिश
देख कर उस का आतिशीं चेहरा
बन गई मेरी दास्ताँ आतिश
तब तलक हम जवान रहते हैं
जब तलक हम में है जवाँ आतिश
बे-धुआँ बे-शरारा बे-लौ भी
फूँक देती है बे-ज़बाँ आतिश
कितने हमदर्द हैं नशेमन के
आँधी बरसात बिजलियाँ आतिश
ज़ेहन में दिल में रूह में तन में
है न जाने कहाँ कहाँ आतिश
आग से आग के बुझाने का
फ़ल्सफ़ा कर रही बयाँ आतिश
जिस्म हो घर हो बन हो बस्ती हो
सब को करती है बे-निशाँ आतिश
हुस्न और इश्क़ में कशिश है तभी
गर है दोनों के दरमियाँ आतिश
ये कहीं पर है चंद लम्हों की
और कहीं पर है जावेदाँ आतिश
ज़िक्र क्या कीजिए जहन्नुम का
हर क़दम पर है जब यहाँ आतिश
शुद्ध है शुद्ध सब को करती है
है जहाँ में जहाँ-जहाँ आतिश
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