अस्ल सदमा
By shariq-kaifiFebruary 29, 2024
चने मेरे सोयम के
सुब्ह
सिवा मेरे ससुराल वालों के किस ने पढ़े
जानता हूँ
शाम की फ़ातिहा में भी गिनती सरों की अगर कम रही
तो इस के सबब का मुझे ख़ूब अंदाज़ा है
देग आधी बची रह गई क़ोर्मे की
कोई ग़म नहीं
मगर मेरी बीवी ने जिस बे-दिली से
दु'आ की मिरी मग़्फ़िरत के लिए
अस्ल सदमा तो वो है
सुब्ह
सिवा मेरे ससुराल वालों के किस ने पढ़े
जानता हूँ
शाम की फ़ातिहा में भी गिनती सरों की अगर कम रही
तो इस के सबब का मुझे ख़ूब अंदाज़ा है
देग आधी बची रह गई क़ोर्मे की
कोई ग़म नहीं
मगर मेरी बीवी ने जिस बे-दिली से
दु'आ की मिरी मग़्फ़िरत के लिए
अस्ल सदमा तो वो है
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