दरवाज़े पर बिस्तर

By shariq-kaifiFebruary 29, 2024
हाँ यही घर है जहाँ
मेरे कमरे और दरवाज़े के बीच
दस्तकें ही दस्तकें थीं
और मेरा हुक्म


ये कह दो कि मैं घर पर नहीं
आज दरवाज़े पे बिस्तर है मिरा
शोर से अन्दर के बचने के लिए
दूर की आहट पे सारा ध्यान है


इक रज़ाई भर बचा है जब वुजूद
खोलना कुंडी बहुत आसान है
आज दरवाज़े पे बिस्तर है मिरा
वक़्त ने कम कर दिया है फ़ासला


दस्तक का मेरे कान से
49209 viewsnazmHindi