दीवाली By त्यौहार, Nazm << संपोले लास्ट कॉल >> दीवाली है दीपों वाली जगमग जगमग दीपों वाली दीवाली है शब भर रौशनियाँ बांटेगी धनवानों में फ़ाक़ा-कशों में हसब-ए-मुक़द्दर लेकिन इन दीपों की लवें क्यों मद्धम सी हैं उन नन्हे दीपों की लवों से जो हर शाम मिरी पलकों पर जल उठते हैं Share on: