दीवाली
By balraj-komalNovember 30, 2021
दीवाली है
दीपों वाली
जगमग जगमग दीपों वाली दीवाली है
शब भर रौशनियाँ बांटेगी
धनवानों में
फ़ाक़ा-कशों में
हसब-ए-मुक़द्दर
लेकिन इन दीपों की लवें क्यों मद्धम सी हैं
उन नन्हे दीपों की लवों से
जो हर शाम मिरी पलकों पर जल उठते हैं
दीपों वाली
जगमग जगमग दीपों वाली दीवाली है
शब भर रौशनियाँ बांटेगी
धनवानों में
फ़ाक़ा-कशों में
हसब-ए-मुक़द्दर
लेकिन इन दीपों की लवें क्यों मद्धम सी हैं
उन नन्हे दीपों की लवों से
जो हर शाम मिरी पलकों पर जल उठते हैं
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