फैक्स

By tuaqeer-chughtaiMarch 1, 2024
मोहब्बत फैक्स हो सकती तो कर देता
जुदाई का फ़साना भी कहाँ ईमेल होता है
कहाँ ज़ख़्म-ए-जिगर इस में समाएगा
न टेलीफ़ोन पर अश्कों को कोई देख पाएगा


मशीनें जो कुचल देती हैं जज़्बों की शबाहत को
बयाँ कैसे करेंगी दर्द की ना-गुफ़्ता सा'अत को
मशीं पर हाल-ए-दिल कहने का क्यों इसरार करते हो
मुक़द्दस राज़ क्यों 'उर्यां सर-ए-बाज़ार करते हो


22449 viewsnazmHindi