गड़बड़ झाला
By mehdi-pratapgarhiFebruary 27, 2024
आला बाला मकड़ी का जाला
मकड़ी भूरी मकड़ा काला
घात लगाए दोनों बैठे
ख़ामोशी से जपते माला
लो जाले में फँस गई मक्खी
दौड़ के फ़ौरन पहुँची मकड़ी
उस को मज़बूती से जकड़ा
ख़ूब उसे जाले में लिपटा
हाथ पाँव मक्खी ने चलाए
लेकिन उस के काम न आए
जाँ हारी बेचारी मक्खी
खा गए उस को मकड़ा मकड़ी
देख के सारा गड़बड़ झाला
हुई उदास मा'सूम ग़ज़ाला
कहने लगी वो आला बाला
हाए-रे वो मकड़ी का जाला
जिस में फँस गई मक्खी बाला
आला बाला मकड़ी का जाला
शेरों को जंगल में देखो
हिरन बने है उन का निवाला
इसी तरह चलती है दुनिया
हैराँ क्यों होती है ग़ज़ाला
तुम हर जान-दार को देखो
इक दूसरे का है वो निवाला
मकड़ी भूरी मकड़ा काला
घात लगाए दोनों बैठे
ख़ामोशी से जपते माला
लो जाले में फँस गई मक्खी
दौड़ के फ़ौरन पहुँची मकड़ी
उस को मज़बूती से जकड़ा
ख़ूब उसे जाले में लिपटा
हाथ पाँव मक्खी ने चलाए
लेकिन उस के काम न आए
जाँ हारी बेचारी मक्खी
खा गए उस को मकड़ा मकड़ी
देख के सारा गड़बड़ झाला
हुई उदास मा'सूम ग़ज़ाला
कहने लगी वो आला बाला
हाए-रे वो मकड़ी का जाला
जिस में फँस गई मक्खी बाला
आला बाला मकड़ी का जाला
शेरों को जंगल में देखो
हिरन बने है उन का निवाला
इसी तरह चलती है दुनिया
हैराँ क्यों होती है ग़ज़ाला
तुम हर जान-दार को देखो
इक दूसरे का है वो निवाला
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