सुन ऐ माँझी सुन ले खेवय्या काग़ज़ की है मेरी नय्या हर मुश्किल से लड़ना इस को आगे आगे बढ़ना इस को जा नय्या नानी के गाँव ठंडी है बरगद की छाँव आँगन में तुलसी लहराती नानी शाम में बत्ती जलाती इक नय्या पानी का रिश्ता इक मेरा नानी का रिश्ता नय्या प्यारी लौट के आना नानी का फिर हाल बताना