कश्शू रानी
By mehdi-pratapgarhiFebruary 27, 2024
कश्शू रानी कश्शू रानी
करती हो अपनी मन-मानी
एक इक बात पे ज़िद करती हो
करती हो क्यों ना-फ़रमानी
सारा सबक़ तो रट लेती हो
जैसे है ये कोई कहानी
समझ-बूझ कर पढ़ना सीखो
छोड़ो अब अपनी नादानी
अपना काम वक़्त पर करना
अच्छे बच्चों की है निशानी
मेल-जोल से रहना अच्छा
लब पर लाना मीठी बानी
अच्छी नज़्म कहीं भी सुन लो
कर लो उस को याद ज़बानी
साफ़ और सुथरा रहना सीखो
गंदे रहना है नादानी
अपनी किताबों को मत फाड़ो
हो जाएँ कितनी भी पुरानी
'इल्म सीखना फ़र्ज़ है सुन लो
'इल्म से जाती है नादानी
खाना दाएँ हाथ से खाओ
तीन साँस में पीना पानी
आपस में मिल-जुल कर रहना
बैर न रखना किसी से जानी
बात बड़ों की जिस ने मानी
सच पूछो तो वही है ज्ञानी
करती हो अपनी मन-मानी
एक इक बात पे ज़िद करती हो
करती हो क्यों ना-फ़रमानी
सारा सबक़ तो रट लेती हो
जैसे है ये कोई कहानी
समझ-बूझ कर पढ़ना सीखो
छोड़ो अब अपनी नादानी
अपना काम वक़्त पर करना
अच्छे बच्चों की है निशानी
मेल-जोल से रहना अच्छा
लब पर लाना मीठी बानी
अच्छी नज़्म कहीं भी सुन लो
कर लो उस को याद ज़बानी
साफ़ और सुथरा रहना सीखो
गंदे रहना है नादानी
अपनी किताबों को मत फाड़ो
हो जाएँ कितनी भी पुरानी
'इल्म सीखना फ़र्ज़ है सुन लो
'इल्म से जाती है नादानी
खाना दाएँ हाथ से खाओ
तीन साँस में पीना पानी
आपस में मिल-जुल कर रहना
बैर न रखना किसी से जानी
बात बड़ों की जिस ने मानी
सच पूछो तो वही है ज्ञानी
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