मौत की इमदाद

By shariq-kaifiFebruary 29, 2024
कितने अच्छे हैं मेरे कॉलोनी वाले
घर में मेरे मौत न होती तो मैं तो अंजान ही रहता
उन चेहरों से
उन लोगों से


फज्र तलक जो साथ रहे मेरे उस शब में
दफ़नाने के बा'द के उस पहले लुक़्मे तक
कितने घरों के चाय के बर्तन
पड़े रहे तीजे के दिन तक मेरे घर में


मुझे नहीं मा'लूम कफ़न किस के ज़िम्मे था
कौन सा बच्चा बेरी की टहनी लाया था
सब अपने थे
सब मेरे थे


सब अच्छे थे
अंधा था मैं आज तलक पहचान न पाया
इन अपनों को
77002 viewsnazmHindi