मीआ'द

By sumita-misraFebruary 29, 2024
हर एक ख़्वाब की मीआ'द
तय होनी चाहिए
चाहे पूरा हो
या अधूरा हो


एक जुनून की एक 'उम्र
तय होनी चाहिए
उस के फ़िराक़ या पाने में
जीने में या गँवाने में


सब्र और कोशिश की एक हद
तय होनी चाहिए
गर ये होता तो कुछ आसान हो जाता
बे-हिसाब उम्मीद का दायरा खिंच जाता


ख़्वाबों के उगने के लिए भी आख़िर
कुछ जगह होनी चाहिए
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