मोहब्बत

By abul-fitrat-meer-zaidiSeptember 2, 2024
मोहब्बत ख़ालिक़-ए-हर-दो-जहाँ है
मोहब्बत दीन-ए-फ़ितरत की ज़बाँ है
मोहब्बत जज़्बा-ए-सिद्क़-ओ-यक़ीं है
मोहब्बत ही मोहब्बत की अमीं है


मोहब्बत तालिब-ए-हुस्न-ओ-जवानी
मोहब्बत फूल काँटों की कहानी
मोहब्बत शाहिद-ए-वहदानियत है
मोहब्बत जज़्बा-ए-इंसानियत है


मोहब्बत हर्फ़-ए-शीरीं की अमानत
मोहब्बत जज़्बा-ए-दिल की सदाक़त
मोहब्बत जिस्म भी है जान भी है
मोहब्बत फ़ितरत-ए-इंसान भी है


कहा जिस को फ़रिश्तों ने 'इबादत
मोहब्बत है मोहब्बत है मोहब्बत
मोहब्बत दुश्मन-ए-रहबानियत है
मोहब्बत कलमा-ए-इंसानियत है


मोहब्बत रहनुमा-ए-आदमी है
मोहब्बत सोज़-ओ-साज़-ए-ज़िंदगी है
मोहब्बत 'इश्क़ का तूफ़ान भी है
मोहब्बत हुस्न का ईमान भी है


मोहब्बत फ़ल्सफ़ा है दोस्ती का
मोहब्बत में सबक़ है ज़िंदगी का
मोहब्बत फ़ातेह-ओ-मफ़्तूह भी है
मोहब्बत हामिद-ओ-ममदूह भी है


मोहब्बत है यक़ीन-ए-कामरानी
मोहब्बत दार की भी है कहानी
मोहब्बत दीन-ओ-दुनिया की तलब है
मोहब्बत फ़िक्र है 'इल्म-ओ-अदब है


मोहब्बत तर्ज़ भी अंदाज़ भी है
मोहब्बत साज़ भी आवाज़ भी है
मोहब्बत जाँ-निसारों की ख़ुशी है
मोहब्बत हुस्न की ज़िंदा-दिली है


मोहब्बत का नहीं है एक पहलू
मोहब्बत पर न पाया दिल ने क़ाबू
मोहब्बत नग़्मा-ए-रोज़-ए-अज़ल है
मोहब्बत क़ाज़ी-ए-शहर-ए-'अमल है


मोहब्बत दर्द है दीवानगी है
मोहब्बत फ़र्ज़ है मर्दांगी है
मोहब्बत इम्तिहान-ए-ज़िंदगी है
मोहब्बत देवता की मूर्ती है


मोहब्बत रहमतों की दास्ताँ है
मोहब्बत मर्द-ए-मोमिन की अज़ाँ है
मोहब्बत रौनक़-ए-दुनिया-ओ-दीं है
मोहब्बत चाँद सूरज की ज़मीं है


मोहब्बत गुल भी है और गुलसिताँ भी
मोहब्बत ख़ारज़ारों की ज़बाँ भी
मोहब्बत दा'वत-ए-रंज-ओ-अलम भी
मोहब्बत है नवेद-ए-फ़िक्र-ओ-ग़म भी


मोहब्बत वलवलों की इंतिहा भी
बुढ़ापे में जवानी की सदा भी
मोहब्बत ही ख़ुशी का रास्ता है
मोहब्बत ही में दुनिया का भला है


मोहब्बत क़िस्सा-ए-जाम-ओ-सुबू है
मोहब्बत ज़िंदगी की जुस्तुजू है
मोहब्बत आदम-ओ-हव्वा ने की है
मोहब्बत रूह की पाकीज़गी है


मोहब्बत चैन है सब्र-ओ-सुकूँ है
मोहब्बत राहत-ए-अहल-ए-जुनूँ है
मोहब्बत से है रौनक़ महफ़िलों की
मोहब्बत कब ख़ता है थुड़-दिलों की


मोहब्बत हर सलीक़े का निशाँ है
मोहब्बत हर नफ़स की दास्ताँ है
मोहब्बत मा'नी-ए-हुस्न-ए-सुख़न है
मोहब्बत अल्लह वालों का चलन है


मोहब्बत साहब-ए-'इल्म-उल-यक़ीं भी
मोहब्बत रूह भी रूह-उल-अमीं भी
मोहब्बत 'इश्क़ है ज़र्ब-ए-ख़ुदी है
मोहब्बत ज़ुल्फ़िक़ार-ए-हैदरी है


मोहब्बत भेद खोले आरज़ू के
मोहब्बत ज़िंदगी के ग़म समेटे
मोहब्बत नफ़सियाती उलझनों से
वरक़ उल्टे सदाक़त के जुनूँ के


मोहब्बत है 'इलाज-ए-ज़ब्त-ए-इंसाँ
मोहब्बत इम्तिहान-ए-ज़ब्त-ए-इंसाँ
मोहब्बत की अलग सब से है बोली
मोहब्बत की गिरह फ़ितरत ने खोली


मोहब्बत साहिब-ए-फ़िक्र-ओ-नज़र है
मोहब्बत में रक़ाबत का भी डर है
मोहब्बत दो-जहाँ में सुर्ख़-रू भी
मोहब्बत गुल मोहब्बत रंग-ओ-बू भी


मोहब्बत माहताबों से बनी है
मोहब्बत इंक़िलाबों से बनी है
मोहब्बत का नशा है सब से बेहतर
मोहब्बत पारा-ए-तसनीम-ओ-कौसर


मोहब्बत शो'ला है शो'ला-नुमा है
मोहब्बत ही हक़ीक़त में ख़ुदा है
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