पतझड़

By fakhr-zamanOctober 29, 2020
पतझड़ आया पतझड़ आया
पेड़ों से पत्ते टूटेंगे
और बिखरेंगे इक इक कर के
शाह-राहों पर पगडंडियों पर


ज़ालिम राही बेहिस राही
पत्तों को पाँव के नीचे
रौंदेंगे
और पत्ते पाँव के नीचे


चीख़ेंगे चिल्लाएँंगे
पैहम पिसते जाएँगे
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