क़ब्रिस्तान के नल पर

By shariq-kaifiFebruary 29, 2024
बिला सबब बड़बड़ा रहे हो
जो फँस गए हो
तो कम-से-कम अब सवाब ही ढंग से कमा लो
कहा था मैं ने


कि नल चलाने में कोई साझा नहीं करेगा
मगर किसी की सुनी है तुम ने
अरे वो हालात और थे
जिस में हर कोई


हर क़दम पे कांधा बदल रहा था
पर अब तो तदफ़ीन हो चुकी
भीड़ मुतमइन है
कि आज भर का सवाब उस ने कमा लिया है


तो कौन आगे बढ़ेगा बोलो
सो कौन कितना बुरा है ये बात भूल कर
सिर्फ़ नल चलाओ
चलाए जाओ


कि जब तलक भीड़ में हर इक ख़ास-ओ-'आम के
पाँव धुल न जाएँ
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