शाम को चहचहाती लौटती चिड़िया को ये नहीं मा'लूम कि उस के बसेरे वाला पेड़ काट दिया गया है घोंसले में रक्खे उस के अंडे रौंद दिए गए हैं पेड़ वाली जगह पर मॉल बनाने की प्रक्रिया जारी है लौटते लौटते चिड़िया को अंधेरा हो जाएगा और जब वो घर ढूँडते ढूँडते भटकेगी तो अंदेशा ये है कि खुले पड़े बिजली की तारों को डालियाँ समझ कर उन से टकरा कर कहीं वो भस्म न हो जाए क्यूँकि ऐसा अक्सर दिहाड़ी मज़दूरों और अवैध कही जाने वाली चालों के साथ भी होते देखा गया है