तमाशाई न मिल पाए
By shariq-kaifiFebruary 29, 2024
तवज्जोह
वो यहाँ किस को मिली है
ख़ुदा ने क्या कसर छोड़ी थी कोई
तवज्जोह खींचने की
मगर क्या हाथ आया
तमाशा-गाह तक लाए गए थे मुफ़्त में हम
टिकट भी वापसी का जेब में उस ने हमारी रख दिया था
कि हम बे-फ़िक्र हो कर खेल का उस के मज़ा लें
फ़क़त ता'रीफ़ करने के 'एवज़
ताली बजाने के 'एवज़ जन्नत
बड़ा इन'आम था
तमाशे रौशनिय्यों के भी सब दिलचस्प थे
मगर फिर भी हमें ऐसा नहीं लगता
तमाशा ध्यान से देखा किसी ने
वो जिस इक वाह की ख़ातिर
ये सारा इंतिज़ाम उस ने किया था
दिलों से वो कभी निकली किसी के
अगर ये सब ख़ुदा के साथ हो सकता है
तो हम क्या
हमारे छोटे मोटे खेल क्या
बाज़ीगरी क्या
सबब बनता नहीं शिकवे का कोई
बिला मतलब तमाशा देखने वालों से अपने हम ख़फ़ा हैं
ख़ुदा को जब यहाँ अच्छे तमाशाई न मिल पाए
तो हम क्या हैं
वो यहाँ किस को मिली है
ख़ुदा ने क्या कसर छोड़ी थी कोई
तवज्जोह खींचने की
मगर क्या हाथ आया
तमाशा-गाह तक लाए गए थे मुफ़्त में हम
टिकट भी वापसी का जेब में उस ने हमारी रख दिया था
कि हम बे-फ़िक्र हो कर खेल का उस के मज़ा लें
फ़क़त ता'रीफ़ करने के 'एवज़
ताली बजाने के 'एवज़ जन्नत
बड़ा इन'आम था
तमाशे रौशनिय्यों के भी सब दिलचस्प थे
मगर फिर भी हमें ऐसा नहीं लगता
तमाशा ध्यान से देखा किसी ने
वो जिस इक वाह की ख़ातिर
ये सारा इंतिज़ाम उस ने किया था
दिलों से वो कभी निकली किसी के
अगर ये सब ख़ुदा के साथ हो सकता है
तो हम क्या
हमारे छोटे मोटे खेल क्या
बाज़ीगरी क्या
सबब बनता नहीं शिकवे का कोई
बिला मतलब तमाशा देखने वालों से अपने हम ख़फ़ा हैं
ख़ुदा को जब यहाँ अच्छे तमाशाई न मिल पाए
तो हम क्या हैं
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