वाक़'ई झूठ था क्या
By shariq-kaifiFebruary 29, 2024
बात सुन कर मिरी वो हँसा
तो मुझे भी लगा बात हँसने की है
ख़ैर अच्छा हुआ
वर्ना मैं ज़िंदगी भर किसी झूठ को जीता रहता
मगर कौन सा झूठ
वो रोना तड़पना मिरा वाक़'ई झूठ था क्या
तो फिर किस नतीजे पे पहुँचा हूँ मैं
सिर्फ़ इतना ही शायद
कि मैं आज ये जानता हूँ
किसी को समझने परखने का कोई वज़ीफ़ा नहीं
बस वही बात जो
लब तलक आ न पाए लतीफ़ा नहीं
तो मुझे भी लगा बात हँसने की है
ख़ैर अच्छा हुआ
वर्ना मैं ज़िंदगी भर किसी झूठ को जीता रहता
मगर कौन सा झूठ
वो रोना तड़पना मिरा वाक़'ई झूठ था क्या
तो फिर किस नतीजे पे पहुँचा हूँ मैं
सिर्फ़ इतना ही शायद
कि मैं आज ये जानता हूँ
किसी को समझने परखने का कोई वज़ीफ़ा नहीं
बस वही बात जो
लब तलक आ न पाए लतीफ़ा नहीं
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