आसरा जब भी कोई टूटे है By Qita << ऐ ख़राबात के ख़ुदावंदो अब किसी को भी नहीं हौसला-... >> आसरा जब भी कोई टूटे है एक छाला सा दिल में फूटे है क्या कहूँ उस के प्यार का आलम फुलझड़ी सी बदन से छूटे है Share on: