हर तंज़ किया जाए हर इक तअना दिया जाए By हौसला, इंक़िलाब, Qita << न उन का ज़ेहन साफ़ है न म... अपनी फ़ितरत पे नाज़ है मु... >> हर तंज़ किया जाए हर इक तअना दिया जाए कुछ भी हो पर अब हद्द-ए-अदब में न रहा जाए तारीख़ ने क़ौमों को दिया है यही पैग़ाम हक़ माँगना तौहीन है हक़ छीन लिया जाए Share on: