जन्नत से निकाला हमें गंदुम की महक ने By Qita << बुताँ के इश्क़ ने बे-इख़्... दोस्तो मशवरे न दो हम को >> जन्नत से निकाला हमें गंदुम की महक ने गूंधी हुई गेहूँ में कहानी है हमारी रोटी से हमें रग़बत-ए-देरीना है 'अनवर' ये नान कमिटमिंट पुरानी है हमारी Share on: