जो पूछता है कोई सुर्ख़ क्यों हैं आज आँखें
By akhtar-ansari-akbarabadiMay 31, 2024
जो पूछता है कोई सुर्ख़ क्यों हैं आज आँखें
तो आँखें मल के ये कहता हूँ रात सो न सका
हज़ार चाहूँ मगर ये न कह सकूँगा कभी
कि रात रोने की ख़्वाहिश थी और रो न सका
तो आँखें मल के ये कहता हूँ रात सो न सका
हज़ार चाहूँ मगर ये न कह सकूँगा कभी
कि रात रोने की ख़्वाहिश थी और रो न सका
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