ख़िज़ाँ से जंग करूँ ये नहीं मुझे सौदा
By akbar-allahabadiMay 30, 2024
ख़िज़ाँ से जंग करूँ ये नहीं मुझे सौदा
मलूल मैं भी हूँ लेकिन है इंतिज़ार-ए-बहार
नफ़ीस तुख़्म बना रक्खो अपने ‘अज़मों को
और उस के बा'द रहो तुम उमीद-वार-ए-बहार
मलूल मैं भी हूँ लेकिन है इंतिज़ार-ए-बहार
नफ़ीस तुख़्म बना रक्खो अपने ‘अज़मों को
और उस के बा'द रहो तुम उमीद-वार-ए-बहार
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