नदी नाले समुंदर और दरिया पार करते हैं By Qita << ये तेरे ख़त तिरी ख़ुशबू य... शौक़-ओ-अरमाँ की बे-क़रारी... >> नदी नाले समुंदर और दरिया पार करते हैं अगर सहरा मुक़ाबिल हो उसे गुलज़ार करते हैं 'ज़िया' सूरज हथेली पर सजा लेना तो आसाँ है ज़माने का जो मुस्तक़बिल है हम तय्यार करते हैं Share on: