जो मकतब-ए-ईजाद में दाख़िल होगा Admin इज्जत शायरी, Rubaai << कब कोई फ़ुज़ूल हाथ मिलता ... इफ़्लास में क्यूँ टेक्स ल... >> जो मकतब-ए-ईजाद में दाख़िल होगा औज उस को फ़रोतनी से हासिल होगा देता है तवाज़ो' का सबक़ इज्ज़-ए-हिलाल नाक़िस इसी मदरसा में कामिल होगा Share on: