आम तेरी ये ख़ुश-नसीबी है By Sher << मज़ा है तिरे बिस्मिलों को... ये कौन सी जगह है ये बस्ती... >> आम तेरी ये ख़ुश-नसीबी है वर्ना लंगड़ों पे कौन मरता है Share on: