अब मुझ को एहतिमाम से कीजे सुपुर्द-ए-ख़ाक

By dilawar-ali-aazarOctober 29, 2020
अब मुझ को एहतिमाम से कीजे सुपुर्द-ए-ख़ाक
उक्ता चुका हूँ जिस्म का मलबा उठा के मैं
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