अब तो जो शय है मिरी नज़रों में है ना-पाएदार By Sher << रौशन अलाव होते ही आया तरं... लोगों को अपनी फ़िक्र है ल... >> अब तो जो शय है मिरी नज़रों में है ना-पाएदार याद आया मैं कि ग़म को जावेदाँ समझा था मैं Share on: