अब तो साफ़ सुनता हूँ अपने दिल की हर धड़कन By Sher << कभी तो शहीदों की क़ब्रों ... न छेड़ ऐ निकहत-ए-बाद-ए-बह... >> अब तो साफ़ सुनता हूँ अपने दिल की हर धड़कन और क्या दिखाएगी ये तवील तन्हाई Share on: