अगर दो दिल कहीं भी मिल गए हैं By Sher << मैं बाग़ में हूँ तालिब-ए-... न कह तू शैख़ मुझे ज़ोहद स... >> अगर दो दिल कहीं भी मिल गए हैं ज़माने को शिकायत हो गई है Share on: