अजब अंदाज़ के शाम-ओ-सहर हैं By Sher << अब मुझ को एहतिमाम से कीजे... मैं जंगलों में दरिंदों के... >> अजब अंदाज़ के शाम-ओ-सहर हैं कोई तस्वीर हो जैसे अधूरी Share on: