खिलना हर एक फूल का 'असग़र' है मोजज़ा By Sher << शौक़ के मुम्किनात को दोनो... सारी दुनिया को जीतने वाला >> खिलना हर एक फूल का 'असग़र' है मोजज़ा मुरझाती है कली भी बहारों के दरमियाँ Share on: